पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज ग्रामीण कार्य विभाग के कई योजनाओं का शिलान्यास किया है. इस दौरान उन्होंने लगभग 1959 करोड़ की लागत से 2096 पथ और 43 पुलों के निर्माण का शिलान्यास किया. इसके अलावा नीतीश कुमार ने 1113 करोड़ की लागत से 1160 पथ और 28 पुलों का कार्य आरंभ किया. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने इसके अलावा भी 1097 करोड़ की लागत से 853 पथ और 60 पुलों का भी उद्घाटन किया।
नीतीश कुमार ने केंद्रीय एजेंसियों पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसिया बढ़िया काम नहीं कर रही थी इसलिए ग्रामीण सड़कों का निर्माण कार्य ग्रामीण कार्य विभाग को दिया गया है. अब ग्रामीण कार्य विभाग बेहतर काम कर रहा है. साथ ही नीतीश कुमार ने कहा कि पहले सड़कों का निर्माण ठेकेदार के मुताबिक होता था. कई योजनाओं में मंत्री को प्रभावित कर काम करवा लिया जाता है।
इस दौरान नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि सिर्फ परियोजनाओं का शिलान्यास करना या सड़कें बना देना महत्वपूर्ण नहीं होता है. इससे भी अधिक महत्वपूर्ण होता है सड़कों का रख रखाव करना और उनका नियमित रूप से मेंनटेन्स करना ताकि कुछ सालों के बाद स्थिति पहली जैसी ना हो जाए.उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि उन्हें सड़क से यात्रा करना पसंद है. सड़क से यात्रा करने से जमीनी सच्चाई का पता चलता है।
नीतीश कुमार ने भाषण के दौरान अपना एक मजेदार सीक्रेट भी उजागर किया और कह कि सबसे खराब सवारी हेलिकॉप्टर की होती है. हेलिकॉप्टर से जाना तो मजबूरी होती है.न जाने कब हवा में किधर मोड़ दे.कुछ पता नहीं होता कि कब क्या हो जाए. अधिकारी खुद भी हेलिकॉप्टर से नहीं जाना चाहते हैं. खराब सड़क से जाने पर कम से कम मेरे बहाने ही सही सड़क बन जाती है।
साथ ही इंजीनियरों पर भी चुटकी लेते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि अक्सर हम NABARD, BRICKS के NDB (New Development Bank)से राज्य के सरकारी परियोजनाओं के लिए कर्ज लेते हैं लेकिन इंजीनियर NABARD परियोजना लिख देते हैं जबकि वो राज्य की परियोजना होती है. कर्ज तो कहीं से भी लिया जा सकता है जिसे बाद में चुका दिया जाता है।