आज पंजाब में भारतीय प्रधानमंत्री एक रैली में पहुंचे वहां जाकर उन्होनें कृषि कल्याण रैली में भाषण दिया। दरअसल कुछ दिनों पहले कृषि मंत्री और प्रधानमंत्री ने खरीफ की फसल का समर्थन मूल्य बढ़ाया था। कई सालों बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य की राशि में वृद्धि की गई है। इस राशि को 200 रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बढ़ाया गया। इस बात पर विपक्ष ने कई कटाक्ष भी किए हैं और मौजूदा सरकार ने उसका जवाब भी दिया है। किसान कार्ड का इस्तेमाल कर एक बार फिर यह साबित किया गया है कि किसान महिलाओं की तरह ही एक राजनीतिक कार्ड है। किसानों को भी सियासी गलीयारे में एक वस्तु माना गया है। जानते हैं किसानों की राॅय। कई जगहों पर डेढ़ गुना हुए मूल्य से किसान फूले नही समां रहें वहीं पर मध्य प्रदेश के कुछ किसानों का मानना है कि यह उंट के मुंह में जीरे के समान है।किसानों को कहना है समर्थन मूल्य से दोगुनी तो फसल की लागत है इसमें वह इस मामूली इज़ाफें से कैसे कुछ हो जाएं। धान का मूल्य भी बढ़ाया गया है जिससे पंजाब का किसान खुश दिख रहा है और प्रधानमंत्री को धन्यवाद देने के लिए रैली कर रहा है। कई सवाल उस फारमूलें को लेकर भी खड़े हुए हैं जिससे न्यूनतम समर्थन मूल्य निश्चित किया जाता है।
किसानो की शुक्रिया रैली
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