‘एनआरसी के प्रावधानों को लागू करने की स्थिति में देश में ख़ून-ख़राबे की नौबत आ जाएगी और गृहयुद्ध छिड़ जाएगा.”एनआरसी ने 40 लाख लोगों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया है’…. ‘इससे पड़ोसी बांग्लादेश के साथ भारत के संबंधों में भारी कड़वाहट पैदा होगी’….
असम में एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित होने के बाद बीते तीन दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के इन तीखे बयानों से साफ़ है कि उनमें भारी नाराज़गी है.राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि ममता पर अल्पसंख्यकों की तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे हैं. ऐसे में इस मुद्दे ने उनको बांग्ला पहचान के लिए लड़ाई का चेहरा बनने का एक मौका दिया दिया है.