नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल के लिए पंजाब से अच्छी खबरें नहीं आ रही हैं. पिछले साल जिस तरह जोर शोर से पार्टी ने पंजाब में अपना परचम लहराया था, उसका रंग अब फीका पड़ता नजर आ रहा है. आम आदमी पार्टी पंजाब में मुख्य विपक्षी दल है, उसने अकाली दल को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था, लेकिन लगता है उसकी कामयाबी भूली बिसरी यादें बनने वाली है।
गुरुवार (31 मई 2018) को अलग अलग राज्यों की 11 विधानसभा सीटों के नतीजे आए. इसमें एक सीट पंजाब की शाहकोट सीट भी थी. इसमें कांग्रेस ने बड़े अंतर से जीत हासिल की. दूसरे नंबर पर अकाली दल रहा. लेकिन मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार रत्तन सिंह को यहां सिर्फ 1900 वोट मिले. वह अपनी जिंदगी भी नहीं बचा सके।
गौर करने वाली बात ये है कि शाहकोट उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को मात्र 1900 वोट मिले. वहीं पिछले साल पंजाब में हुए विधानसभा चुनावों में इस पार्टी को 40,000 वोट मिले थे. आम आदमी पार्टी इस समय पंजाब विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल है. अकाली दल भाजपा गठबंधन यहां पर तीसरे नंबर पर है।