सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि वह सेना में गे-सेक्स की इजाजत नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि समलैंगिक संबंधों पर सेना के अपने कानून हैं. आर्मी चीफ बिपिन रावत ने यह बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा वयस्कों के बीच समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के कुछ महीने बाद दिया है. जनरल रावत ने कहा, ‘सेना में, यह स्वीकार्य नहीं है.’ सेना प्रमुख ने कहा कि उनका बल कानून से ऊपर नहीं है, लेकिन सेना में समलैंगिक यौन संबंध और व्यभिचार को अनुमति देना संभव नहीं होगा. उन्होंने व्यभिचार पर कहा, ‘सेना रूढिवादी है. सेना एक परिवार है. हम इसे सेना में होने नहीं दे सकते.’
उन्होंने कहा कि सीमाओं पर तैनात सैनिकों और अधिकारियों को उनके परिवार के बारे में चितिंत नहीं होने दिया जा सकता. सेना के जवानों का आचरण सेना अधिनियम से संचालित होता है. जनरल रावत ने कहा, ‘सेना में हमें कभी नहीं लगा कि यह हो सकता है. जो कुछ भी लगता था उसे सेना अधिनियम में डाला गया. जब सेना अधिनियम बना तो इसके बारे में सुना भी नहीं था. हमने कभी नहीं सोचा था कि यह होने वाला है. हम इसे कभी अनुमति नहीं देते. इसलिए इसे सेना अधिनियम में नहीं डाला गया.’
