सुप्रीम कोर्ट में मामला जनवरी 2019 तक टलने के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि राम मंदिर मामले पर केंद्र सरकार अध्यादेश क्यों नहीं लाती?
अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद मामले पर राजनीति अपने चरम पर है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई को जनवरी 2019 तक स्थगित कर दिया है। हालांकि, कोर्ट के इस फैसले के बाद AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा नेता गिरिराज सिंह के बयान की हर तरफ चर्चा हो रही है। ओवैसी ने तो सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि राम मंदिर मामले पर केंद्र अध्यादेश क्यों नहीं लाती?
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या मामले को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा का घेराव किया है। ओवैसी ने पीएम मोदी का नाम लिए बगैर कहा है कि अगर 56 इंच का सीना है तो राम मंदिर मामले पर अध्यादेश क्यों नहीं लाती सरकार। उन्होंने कहा कि अध्यादेश के नाम पर किसको डराया जा रहा है। वहीं, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी कोर्ट में गिरिराज सिंह को खड़ा कर दें।
अयोध्या विवाद मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है, ‘राम मंदिर जरूर बनेगा। कांग्रेस अभी तक इस मामले को लटकाने का काम करती आई है। अब हिंदुओं के सब्र का बांध टूट रहा है। मुझे भय है कि अगर हिन्दुओं का सब्र टूटा तो क्या होगा?’
उधर, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है, ‘मुझे लगता है कि हमें यह देखने के लिए दिसंबर में एक रिव्यू करना चाहिए कि राम मंदिर के मामले को जल्दी से स्थगित कर दिया जा रहा है या फिर कांग्रेस के वकीलों को इस मामले में देरी के लिए कुछ अन्य विषयों का आवेदन मिलेगा। यदि इसमें देरी हो रही है तो हमें कुछ करना होगा।’
राम जन्मभूमि को लेकर संघ के विचारक इंद्रेश कुमार का कहना है कि जैसे काबा को बदला नहीं जा सकता, हरमंदिर साहब को बदला नहीं जा सकता, वेटिकन और स्वर्णमंदिर नहीं बदला जा सकता, वैसे ही अयोध्या में रामजन्मभूमि का स्थान नहीं बदल सकता है। यह एक सत्य है।