कोरोना वायरस की इस महामारी के कारण पिछले लगभग 2 महीनों से देश मे लॉकडाउन चल रहा है. अब ये चौथे चरण का लॉकडाउन 31 मई तक चलने वाला है. हालांकि सरकार ने कई ढील दी है. इस लॉकडाउन मे प्रवासी मजदूरो का पलायन भी बड़े पैमाने पर जारी है.
इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने विशेष ट्रेनें चलाने का फैसला किया था लेकिन इसको लेकर भी कई विवाद हो चुके है. ट्रैन के टिकट का पैसा इन मजदूरो से लेने के कारण सरकार विपक्ष से घिर गई है. इसी कड़ी में कांग्रेस की अंतरिम अध्य्क्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने प्रत्येक कांग्रेस ज़िला इकाई से कहा था कि जहां भी ये प्रवासी मजदूर है उनके ट्रैन का टिकट कांग्रेस वहन करेगी.
प्रवासी मजदूरो के पलायन को कुछ राज्यो ने श्रमिक ट्रेनों को अपने यहां आने की अनुमति नही दी थी. इसको लेकर अब रेलवे ने कहा है कि ट्रेनों के संचालन के लिए संबंधित राज्यो की अनुमति की जरूरत नही है. रेलवे के प्रवक्ता राजेश बाजपेई ने कहा है, श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए उन राज्यो की सहमति की आवश्यकता नही है जहां यात्रा समाप्त होनी है. वो आगे कहते है नई एसओपी के बाद उस राज्य की सहमति लेना अब आवश्यक नही है जहां ट्रैन का समापन होना है.’
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, और छत्तीसगढ़ इन ट्रेनों को मंजूरी देने में पीछे हज. इस महीने की एक तारीख से रेलवे ने 1565 श्रमिक ट्रेनों का परिचालन किया है और 20 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्योमे पहुंचाया है.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों को भेजे हुए पत्र में कहा है कि प्रवासी मजदूरो की अपने घर लौटने की सबसे बड़ी वजह कोविड 19 का खतरा और आजीविका गवाने की आशंका है. उन्होंने पत्र लिखकर कहा है, प्रवासी मजदूरो की चिंताओं को दूर करने के क्रम में अगर निम्न कदमो को लागू किया जाता है तो मैं आभारी रहूंगा.
आपको बता दें कि भारत मे कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे है. आज मंगलवार को संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर एक लाख के पार पहुंच गया है. स्वास्थ मंत्रालय के जारी किए हुए आंकड़ो के मुताबिक देश में अब तक 3163 लोगो की मौत हो चुकी है.