यूपी की चर्चित आईएएस अधिकारी बी. चन्द्रकला के आवास पर सीबीआई छापों के बाद अब अवैध रेत खनन मामले की आंच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचती दिख रही है। अब वह सीबीआई के रेडार पर हैं और उनसे पूछताछ हो सकती है। सीबीआई के मुताबिक 2011 के बाद से यूपी के सभी खनन मंत्रियों से पूछताछ हो सकती है। बता दें कि 2012-13 में खनन मंत्रालय तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था।
अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी सीबीआई इस सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। प्रजापति को 2017 में चित्रकूट की एक महिला से रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर 2016 से खनन मामले की जांच चल रही है। आरोप है कि एनजीटी के रोक के बावजूद अधिकारियों और मंत्रियों की मिलीभगत से रेत खनन के ठेके दिए गए। आरोप है कि अफसरों ने अवैध खनन की इजाजत दी और पट्टाधारकों व ड्राइवरों से पैसों की उगाही की।
इलाहाबद हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने 2016 में इस मामले की जांच शुरू की। सीबीआई ने इस सिलसिले में अज्ञात लोगों के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। एफआईआर में कुछ नेताओं और अधिकारियों, सरकारी मुलाजिमों के नाम है। अवैध खनन मामले में आईएएस अफसर बी. चन्द्रकला के अलावा आदिल खान, तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, समाजवादी पार्टी के एमएलसी रमेश मिश्रा और उनके भाई, खनन क्लर्क राम आश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी (हमीरपुर), संजय दीक्षित, खनन क्लर्क राम अवतार सिंह और उनके रिश्तेदार आरोपी हैं।
